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शिक्षक समस्याएँ
1. मेडिकल सुविधाएं*** 2. CGHS*** 3. MACP*** 4. सातवें वेतन आयोग का एरियर*** 5. प्रमोशन*** 6.अपग्रेडेड पे स्केल ***7.RTE का पूर्ण अनुपालन ***8.रिक्त स्थानों की जल्द से जल्द भरती ***9.प्राथमिक शिक्षकों को ४६०० ग्रेड पे ***10.अन्य श्रेणी के शिक्षकों को भी प्रोन्नति के अवसर ***11.संगीत शिक्षकों को TGT ग्रेड ***12.सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ७ वेतन मान का लाभ और समय से वेतन ***13.प्रोजेक्ट के विद्यालयो में कार्यरत कर्मचारियों को समय से वेतन 14.आश्रित परिवारों का त्वरित समायोजन ***

Wednesday, March 07, 2018

Libraian issue.

प्रिय मित्रों,
आज सायंकाल दिनाँक 07/03/2018 को आपसे मिल रहा हूँ तो कुछ बिंदु आपसी संवाद हेतु।
1.विगत दिनों माननीय लोक सभा सदस्य और योजश्वि सांसद मैनपुरी ने केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुद्दे विशेषकर लाइब्रेरियन के मुद्दे को लोकसभा में दिनाँक 5 मार्च को उठाया।हम उनके आभारी है कि वे केंद्रीय विद्यालय में सबसे शोषित और दबे हुए तबके की आवाज बन कर उभरे।मित्रों इससे पहले की आगे मैं अपनी बात रखूं ये स्पष्ट कर दूं कि के प्रयाश किसी के खिलाफ नही है और हम बस बराबरी और अपना सम्मान पूर्ण स्थान के हेतु प्रयाशरत है।खेल शिक्षक,योग,wet, म्यूजिक शिक्षकों के स्थिति ज्यादा बेहतर नही है,उन सबके प्रमोशन हेतु जल्द ही कुछ प्रभावी कदम उठाएंगे जितनी सामर्थ्य है और साथ होगा ,पर ये सब मर्यादा और नियमानुसार करेंगे।

1. 6वे वेतन आयोग में लाइब्रेरियन की पे सिंतबर 2007 में जा कर स्टेप अप हुआ क्योंकि 2006 में कोई लाइब्रेरियन अप्पोइन्ट ही नही हुआ।अतः जहाँ सभी साथियों को 1 जनवरी से पे और अपग्रेड पे का नुकसान है,सबसे ज्यादा लाइब्रेरियन को हुआ है पर दुर्भाग्य वश किसी ने इस मुद्दे को पिछले 12 वर्षों में पत्र लिखने की भी औपचारिकता नही की।

2.लाइब्रेरियन सभी संस्थानों में नॉन टीचिंग में आते है पर उन्हें टीचिंग के सभी लाभ रहे है।हमारे यहाँ टीचिंग में हिने के कारण जहाँ हमसे अपेक्षा की जाती है कि हम TGT की तरह 36 पीरियड ले ,उसके बाद हजारों किताबो का लेनदेन,स्टॉक और ऑटोमेशन के  साथ ब्लॉग आदि ने कार्य का बोझ बढ़ाया है पर दुर्भाग्य वश इस पर भी किसी के कभी कोई चर्चा नही की।क्या ये निवेदन की ऑटोमेशन के बाद लाइब्रेरी के बोझ पर एक समिति अध्ययन करें, गलत मांग है??विचार करें।

3.केंद्रीय विद्यालय संगठन ने निसंदेह एक पत्र के द्धारा लाइब्रेरी में सब्स्टाफ़ हेतु निर्देश जारी किए है,पर कितने विद्यालयों में इसे दिया जा रहा है और कितने समय हेतु,विचार करे।

4.माननीय मंत्री जी के उत्तर के अनुसार लाइब्रेरियन को सभी टीचिंग की सुविधाएं मिलती है और अतिआवश्यक होने पर ही सिर्फ अरेंजमेंट पीरिएड मिलता है।क्या ये सच्चाई है।लाइब्रेरियन क्लास टीचर, को क्लास टीचर,चेकर,एस्कॉर्ट,अरेंजमेंट,हर रोज एग्जाम ड्यूटी, ओफ्फिशटिंग से लेजर ऐसा कौन सा काम है जी नही करता या उससे नही कराया जाता।
वह हर विद्यालय में एक और बिना किसी अधिकार के प्रचार्य की दया पर ,न जाने कब उसकी कंप्लेंट चैयरमैन से कर ट्रांसफर करवा दे ।

5.लाइब्रेरियन अगर ये सभी कार्य करता है और उससे करवाया जाता है और ये शोषण नही है तो इसे स्वीकार क्यो नही किया जाता??उसका नाम रजिस्टर में अधिकांश जगह अंत मे क्यो लिखा जाता है?अगर ऐसा नियमानुसार है तो इसे स्वीकार करने में क्या दिक्कत है??

6.अंत मे सबसे चौकानी वाली बात माननीय मंत्री जी ने कहा कि लाइब्रेरियन को टीचिंग स्टाफ की तरह उर नियमानुसार सिनिअर स्केल और सेलेक्शन स्केल मिलता है।
2013 के आस पास भारत सरकार ने अनुमोदित किया था कि अन्य श्रेणी के शिक्षकों के प्रमोशन की कोई उपलब्धता न होने के कारण उन्हें सिनिअर और सेलेक्शन स्केल में 20 प्रतिसत का राइडर लागू नही होगा तो अब ये उत्तर संशय पैदा करता है क्योंकि सिर्फ लिब्राइन के सिलेक्शन स्केल की फ़ाइल कई वर्षों से अन्य श्रेणी में लटकी पड़ी है।क्या उन्हें 20 प्रतिसत में लाया गया है??
अंत मे अन्य श्रेणी में भी सिर्फ लाइब्रेरियन है जो कि न PRT है,न TGT और न PGT जबकि cbse के अनुसार 12वी के विद्यालय में ये सभी पद होने चाहिए।

अतः लाइब्रेरियन आज के समय मे न टीचिंग में है और न नॉन टीचिंग में और मिसीलनियस में अकेला पीडीए है जिससे सभी कार्य और उत्तरदायित्व है पर सुविधाये के नाम पर क्या??विचार करें और अपने सुझाव दे।

आपका।
उमाकान्त त्रिपाठी।